logo

|

Home >

devotees >

narasimha-munayaraiya-nayanar-divya-charitra

नरसिंह मुनैयरैय नायनार दिव्य चरित्र

नरसिंह मुनैयरैय तिरुमुनैपाडी राज्य के राजा थे, जहाँ त्रिलोचन भगवान के सेवकों के सेवक, महान भक्त सुंदर मूर्ति नायनार रहते थे। राजा को जनता पर भार डालकर अपना राजकोष भरने में कोई रुचि नहीं थी। इसके स्थान पर, उन्होंने अपने हृदय को जटाधारी ईश्वर और उनके भक्तों के प्रति प्रेम के रूप में धन से भर लिया। वीर और विजयी राजा ने कई मंदिरों में हर संभव प्रकार से परमेश्वर की सेवा की। हालाँकि उन्हें कई बाधाओं का सामना करना पड़ा, किन्तु महादेव के प्रति उनकी सेवाएँ कभी समाप्त नहीं हुईं। यहाँ तक कि सूअर के सींग से आकर्षक आभूषण पहने महादेव से संबंधित कार्य के समक्ष उनका अपना जीवन भी तुच्छ था।

Narasinga Munaiyaraiya Nayanar - The history of Narasinga Munaiyaraiya Nayanarगंगा के प्रवाह समान अत्याधिक प्रेम के साथ, उन गंगाधर शिव के आर्द्रा दर्शन के उत्सव को नरसिंह मुनैयरैयर प्रत्यक वर्ष भव्य रूप से मनाते थे। वे मंदिरों में विशेष पूजा की व्यवस्था करते थे और पवित्र भस्म को धारण किए भक्तों के लिए भोज के साथ शत से अधिक स्वर्ण मुद्राएँ दान करते थे। ऐसे ही एक आर्द्रा दर्शन उत्सव पर, जब वे भगवान के भक्तों को स्वर्ण दान कर रहे थे, तो पवित्र भस्म में लिप्त एक व्यक्ति विचित्र और अश्लील व्यवहार करते हुए आये। वहाँ एकत्र सभी लोग उसके अप्रिय रूप को देखकर दूर चले गए, किन्तु राज्य के राजा ने हाथ जोड़कर उनका स्वागत किया। यद्यपि वे दिखने में मैले थे, तथापि वे पवित्र भस्म धारण किए हुए थे जो शिव भक्तों द्वारा पवित्रतम माना जाता है। राजा ने उन्हे अन्यों को दी गई स्वर्ण मुद्राओं की दोगुनी संख्या दी। राजा ने हाथ जोड़कर उनसे मधुर शब्द कहे और विदा किया। इस प्रकार मन की सिद्धि प्राप्त कर उन्होंने जीवन भर अपनी अनर्गल सेवा की और अंत में पूर्ण एवं निरपेक्ष ईश्वर के चरणों में पहुँचे। जिस दृष्टि से नरसिंह मुनैयरैयर नायनार ने भक्तों की सेवा की और भगवान की पूजा की, वह महान दृष्टि हमारे मन में सदैव रहे।

गुरु पूजा : पुरटास्सी / सदयं या कन्या / शतभिषा      

हर हर महादेव 

See also:

63 नायनमार - महान शिव भक्तों का चरित्र 


 

Related Content

पेरुमिललै कुरुंब नायनार दिव्य चरित्र

कारैकाल अम्मैयार नायनार दिव्य चरित्र

नमिनन्दि अडिकल नायनार दिव्य चरित्र

अप्पूदि अडिकल नायनार दिव्य चरित्र

तिरुनीलनक्क नायनार दिव्य चरित्र