आलवायुडयार ग्यारहवें तिरुमुरै के बारह रचनाकारों में से एक हैं। वे स्वयं सर्वशक्तिमान प्रभु हैं, जो चोक्कनाथके रूप में मदुरै में निवास करते हैं। परमेश्वर की यह रचना, जिसे तिरुमुख पासुरम कहा जाता है, इस तिरुमुरै का प्रथम गीत है। यह भगवान शिव द्वारा अपने भक्त पाण भद्र का परिचय दूसरे भक्त - चेर साम्राज्य के सम्राट, चेरमान पेरुमाल नायनार को देते हुए लिखा गया एक पत्र है, जिसमें सम्राट को पाण भद्र को उदारतापूर्वक दान देने का आदेश दिया गया है। यह गीत एक पत्र के रूप में है, जिसमें औपचारिक पत्र के अंग - प्रेषक, प्रापक और विषय है। इस गीत की कथा पेरिय पुराणम और तिरुविलैयाडल पुराणम दोनों में पाई जाती है।
See Also:
1. பதினோராம் திருமுறை - திருமுகப் பாசுரம்
2. சேரமான் பெருமாள் கழறிற்றறிவார்
3. பெரிய புராணம்
4. திருவிளையாடல் புராணம்