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अभिषेक पाण्ड्य कृत अपराधन क्षमापन स्तोत्रम् - Halasya Stuti Abhisheka Pandya Kruta Aparadha Kshamapana Stotram

हालास्य स्तुति 

परिपूर्ण परानन्द परचित्सत्यविग्रह।
सुन्दरेश्वर सर्वज्ञ त्राहि मापराधिनम्॥ 1 ||

फालाक्षिजातज्वलन लेलिहानमनोभव।
जीवन्मुक्तिपुरीनाथ त्राहि मापराधिनम्॥ 2||

पारिजातगुणातीतपादपङ्कजवैभव।
कदम्बकाननाध्यक्ष त्राहि मापराधिनम्॥ 3 ||

भक्तप्रार्थितसर्वार्थकामधेनो पुरान्तक।
करुणावरुणावास त्राहि मापराधिनम्॥ 4||

कैवल्यदाननिरत कालकूट भयापह।
कन्यकानगरीनाथ त्राहि मापराधिनम्॥ 5 ||

कमलापति-वागीश-शचीश-प्रमुखामरैः।
परिपूजितपादाब्ज त्राहि मापराधिनम्॥ 6 ||

पञ्चास्य पन्नगाङ्काङ्ग परानन्दप्रदायक।
पर्वथाधीशजामातः त्राहि मापराधिनम्॥ 7 ||

परात्पर पदाम्भोजपरिध्यानरतात्मनाम्।
काङ्क्षितार्थप्रद स्वामिन् त्राहि मापराधिनम्॥ 8 ||

सुन्दरेश्वर सर्वेश स्मर सौभाग्यसिद्धिद।
श्रीमत्सुन्दरपाण्ड्येश त्राहि मापराधिनम्॥ 9 ||

अपराधाष्टकं स्तोत्रं य: पठेत्तवसन्निधौ।
तस्यानन्तापराधञ्च क्षमस्व करुणाम्बुधे॥ 10 ||

सुमीनाक्षी सुन्दरेशौ भक्तकल्पमहीरुहौ।
तयोरनुग्रहो यत्र तत्र शोको न विद्यते॥ 11 ||
 

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